आज वाग्या छे वधायुं केरा पावा रे

                     गोकुळ मां तथा सर्वस्व जगत मां भगवान श्री कृष्ण ना जन्मनी वधामणी करी गरीब के तवंगरने घेर पुत्रजन्मना उत्सवथी बीजो वधारे आनंद शुं होय? ए वखते गोवाळीयाओ पावा, वासळी वगेरे सुंदर रागथी वगाडवा मांड्या.घी,दुध,माखण, अने गुलाल ना कीचड शेरीओमां जामीगया

भगवान श्री कृष्ण ना अवतारनी असर भक्तो अने असुरो पर शुं थइ? तेनुं अा भजन मां वर्णन पद्मश्री परम पुजय काग बापु करे छे


आज वाग्या छे वधायुं केरा पावा रे
नंद बावाजी ना नेसमां जी

आज वाहुलीया मधुरा लाग्या पावा रे...नंद बावाजीना...
आज  गांधर्व लाग्या छे गुण गावा रे...नंद बावाजीना....

व्रज हरखातो जातो, फणी फडकातो (२)
उठ्या अणदीठा उत्पातो रे...दानव केरा देशमां जी..

फुलडे वेरी छे रुडी,गोकुळ नी शेरीयुं (२)
कंपी उठी कंसनी कचेरी रे...वेरी छे बाळा वेशमां जी

अडसठ तीरथ, बेठा पाणीआरे (२)
गंगाजीना धोळा झबक्यां वारि रे...जमनाना केळा केशमां जी

"काग" जोगमाया जागी,छोडीने समाधी (२)
मा'देवे आविने भिक्षा मांगी रे...वेरागी केरा वेशमां जी




💐रचना -- पद्म श्री चारण कवी काग बापु💐

🌹टाइपिंग -- राम बी गढवी 🌹

नविनाळ कच्छ 
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